पुराणों में सोमनाथ - प्रभास क्षेत्र की महीमा
Abstract
प्राचीन पुराणकारो के मत से भारतवर्ष के ट्रीप सहित नौ भाग है। नैऋत्य मे जो भाग हो वह 'सुराष्ट्र' एसा वराह मिहिर और अन्य पुराणों का मानना है। सुराष्ट्रके कुल नौ भाग है इसमें सागर समीप जो भाग है वह प्रभास पुराणोंमे सोमनाथ प्रभासको आनर्त सार ( आनर्त देशके साररूप) कहते है। कई विघ्वान उतर भारत के भागको “आनर्तके" और दिपकल्प माग को "सुराष्ट्र" कहेने का योग्य मानते है। यह वो भूमी है जहां श्री कृष्णनेभी शरीर त्याग करने के लिये अच्छा स्थान माना एसी भुमी प्रभास प्राचीन समयसे ऐतिहासीक, धार्मीक, सांस्कृतिक आदी अनेक दष्ट्रिकोण से महत्व की है।
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References
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