लूनावाड़ा राज्य के दिवान हरगोविंदास कांटावाला: एक समाज सुधारक के रूप में
Keywords:
समाज सुधारक, हरगोविंददास कांटावाला, लूनावाड़ा राज्य, गुजरातAbstract
लुनावाड़ा राज्य के शासक हरगोविंददास कांटावाला सुधार युग के कवियों में से एक थे। जिनका जन्म 16 जुलाई 1844 को उमरेठ में हुआ था। 1875 ई. से ई 1876 तक उन्हें वडोदरा राज्य के शिक्षा विभाग में सैन्य सचिव के रूप में नियुक्त किया गया था। गायकवाड़ सरकार ने साहित्य सेवा में उत्कृष्ट कार्य के लिए उनको ‘साहित्य मार्तंड’ स्वर्ण पदक से सम्मानित किया। हरगोविंददास कांतावाला ने सामाजिक सुधार के लिए अनेक प्रयास किए।उन्होंने बाल विवाह, शिशुहत्या, उत्प्रवास, विधवा विवाह जैसे अत्यंत प्रगतिशील सुधारों का समर्थन किया। उन्होंने अपने विचारों को लोगों तक पहुँचाकर समाज को सुधारने का प्रयास किया। उनके इसी प्रयासों का मुल्यांकन कर उस पर अनुसंधान करने हेतु प्रस्तुत शोधपत्र तैयार किया गया है।
Downloads
References
(1) पंड्या (डॉ) रामचंद्र एन।, “गुजरात की सांस्कृतिक विरासत”, प्रथम संस्करण, अंडा बुक डिपो, अहमदाबाद, 1966
(2) देसाई (डॉ) नीरा ए।, “सोशियल चेंज इन नाइनटीन्थ सेंच्युरी ऑफ़ गुजरात”, दूसरा संस्करण, यूनिवर्सिटी ग्रंथ निर्माण बोर्ड, गुजरात राज्य, अहमदाबाद, 1998
(3) देसाई (डॉ) शांतिलाल एम., “राष्ट्रीय स्वतंत्रता संग्राम और गुजरात”, प्रथम संस्करण, यूनिवर्सिटी ग्रंथ निर्माण बोर्ड, गुजरात राज्य, अहमदाबाद, 1972
(4) शास्त्री हरिप्रसाद, पारिखप्रवीणचंद्र (संपादक), “गुजरात का राजनीतिक और सांस्कृतिक इतिहास (ब्रिटिश काल)”, खंड -8, प्रथम संस्करण, सेठ भोलाभाई जेशिंगभाई शोध संस्थान, अहमदाबाद, 1984
(5) पढ़ियार मधुसूदन, “गुजरात के सामाजिक, आर्थिक और राष्ट्रीय उत्थान के लिए हरगोविंदास कांटावाला का योगदान, गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद, 1989 (अप्रकाशित शोध पत्र)