पुराणों में सोमनाथ - प्रभास क्षेत्र की महीमा

पुराणों में सोमनाथ - प्रभास क्षेत्र की महीमा

Authors

  • Dr. Neelaben S. Thaker

Abstract

प्राचीन पुराणकारो के मत से भारतवर्ष के ट्रीप सहित नौ भाग है। नैऋत्य मे जो भाग हो वह 'सुराष्ट्र' एसा वराह मिहिर और अन्य पुराणों का मानना है। सुराष्ट्रके कुल नौ भाग है इसमें सागर समीप जो भाग है वह प्रभास पुराणोंमे सोमनाथ प्रभासको आनर्त सार ( आनर्त देशके साररूप) कहते है। कई विघ्वान उतर भारत के भागको “आनर्तके" और दिपकल्प माग को "सुराष्ट्र" कहेने का योग्य मानते है। यह वो भूमी है जहां श्री कृष्णनेभी शरीर त्याग करने के लिये अच्छा स्थान माना एसी भुमी प्रभास प्राचीन समयसे ऐतिहासीक, धार्मीक, सांस्कृतिक आदी अनेक दष्ट्रिकोण से महत्व की है।

 

Downloads

Download data is not yet available.

References

१) २त्नमणीराव भी. जोटे' सोमनाथ' गुजरांत साहित्य सभा, अमदावाद, इ. स. १९४९ पेइज ४

२) शंभु प्रसाद हरप्रसाद देसाई प्रभास और सोमनाथ' सोमनाथ दितिीय आवृति इ.स. १९९८ पेइज ४८०

३) अॅजन पेइजः ३

४) स. पा. प्रा आर. जे. जोशी 'आचमनीयम' (संस्कृत लेख संग्रह ) सौराष्ट्र विश्व विद्यालय अध्यापक संघ घ्वारा प्रकाशीत इ.स. २००१ ' श्रीमद् भागवत मे निरूपीत प्रभासलीला' र्डा. जे. जी. पुरोहीतका शोध लेख पेइज ६७, ६८

५) शंभुप्रसाद हरप्रसाद देसाई 'इतिहास दर्शन' भाग २ जुनागढ इ.स. १९७९ पेइज ९७

६) र्डा. प्राणजीवनदास महेता कृत भाषांतर 'चरक संहिता' प्रकरण ८ गुलाबकुंवरबा आयुवैदिक सोसायटी, जामनगर, घ्वारा प्रकाशीत पेइज ३

७) पुर्वोक्त ' प्रभास और सोमनाथ' पेइज ७१

८) पुर्वोक्त रत्नमणीराव भीमराव जोटे 'सोमनाथ' पेइझ ७१.

Additional Files

Published

10-10-2021

How to Cite

Dr. Neelaben S. Thaker. (2021). पुराणों में सोमनाथ - प्रभास क्षेत्र की महीमा. Vidhyayana - An International Multidisciplinary Peer-Reviewed E-Journal - ISSN 2454-8596, 7(2). Retrieved from http://vidhyayanaejournal.org/journal/article/view/1880
Loading...